IVF treatment kyon kiya jaata hai
समग्र स्वास्थ्य

IVF Treatment क्यों किया जाता है? ये ट्रीटमेंट कब कराएं और क्या-क्या सावधानी बरतें?

IVF (In vitro fertilization) वह मेडिकल टर्म जो किसी भी निसंतान दंपत्ति के लिए अंधेरे में उम्मीद की किरण की तरह काम करता है। IVF Treatment के जरिए निसंतान दंपत्ति संतान सुख हासिल कर पाते हैं। इसे Test Tube Baby Treatment के नाम से भी जाना जाता है। IVF का अविष्कार सबसे पहले 1978 में इंग्लैंड हुआ था। तब से अब तक दुनियाभर में लाखों बच्चे IVF Treatment के जरिए पैदा किए गए हैं।

IVF Treatment क्या होता है?

1978 में इंग्लैंड में लुईस ब्राउन नामक एक बच्चा मेडिकल क्रियाविधि से पैदा होता है। डॉक्टर्स इसे IVF Treatment का नाम देते हैं। आईवीएफ प्रक्रिया (IVF process) में बच्चा अपनी जैविक मां के गर्भ के बाहर किसी अन्य गर्भ से पैदा होता है। IVF Treatment के दौरान लैब्स (labs) में एग (egg) और स्पर्म (sperm) को जोड़ा जाता है। जब भ्रूण बन जाता है तो, उसे मां के गर्भाशय में रखा जाता है। हालांकि, निसंतान दंपत्तियों में से केवल 5% जोड़े ही IVF Treatment करा पाते हैं।

IVF Treatment कब कराना चाहिए?

जब Pregnancy में अड़चन पैदा करने वाले कारणों का निवारण न हो सके। मान लीजिए, Ectopic Pregnancy या सूजन संबंधी बीमारियों के बाद, जब किसी महिला की एक या दोनों Fallopian Tube हटा दी जाती हैं, तब IVF Treatment कराना पड़ता है। एंडोमेट्रिओसिस (endometriosis), कम स्पर्म काउंट (low sperm count), यूट्रस (uterus) और फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) संबंधी दिक्कतों, ओवरीज़ (ovaries) और एंडीबॉडीज़ (antibodies) संबंधी दिक्कतों के साथ-साथ गर्भधारण में आने वाली दिक्कतों के चलते IVF Treatment कराना चाहिए।

याद रखने योग्य बातें

Ectopic Pregnancy में निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित होता है।

Fallopian Tube, वो जगह होती है जहां अंडा फर्टिलाइज होता है।

IVF Treatment के संभावित साइड-इफेक्ट्स क्या हैं?

IVF Treatment के संभावित साइड-इफेक्ट्स में ब्लड के रंग का फ्लूड पास करना, क्रैम्प्स (cramps), पेट फूलना, कब्ज, स्तनों में ढीलापन शामिल है। इसके अलावा, हैवी वैजाइनल ब्लीडिंग (heavy vaginal bleeding), पेल्विक पैन (pelvic pain), बुखार, यूरिन में ब्लड आने की स्थिति में डॉक्टर्स से परामर्श लें। ट्रीटमेंट के दौरान दी गईं दवाओं के सेवन से महिलाओं को सरदर्द, मूड स्विंग्स, पेट दर्द, पेट फूलना, ओवेरियन हाइपर स्टिमुलेशन सिंड्रोम जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। डॉक्टर्स से सलाह अवश्य लें। आईवीएफ के बारे में अधिक जानने के लिए आईवीएफ प्रक्रिया हिंदी (IVF Process in Hindi) में क्लिक करें।

IVF Treatment के बाद क्या-क्या सावधानी बरतें?

  1. सहवास (संभोग) न करें। क्योंकि वैजाइनल इंफेक्शन फैलने का खतरा बना रहता है
  2. खुश और सन्तुष्ट रहें।
  3. भारी सामान उठाने से बचें। क्योंकि ऐसा करना भ्रूण के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
  4. ऐरोबिक्स और अधिक हिलने वाली कसरतों से बचें। टहलना और पैदल चलना सही रहेगा।
  5. महिलाओं को कैफीन, शराब, ध्रूमपान, ड्रग्स या नशीले व उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना है।
  6. स्वीमिंग और सनबाथ से भी दूरी बनाएं।

आईवीएफ उपचार लागत (IVF Cost)

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) में, बांझपन का इलाज करने, आनुवंशिक समस्याओं को रोकने और गर्भाधान में सहायता करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रक्रिया है। आईवीएफ उपचार की औसत लागत रुपये के बीच है रु. 1,25,000 से रु.1,45,000।

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